About Us

पंचतत्व आश्रम के बारे में

पंच तत्त्व फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित

पंजीकृत – राजस्थान सरकार देव स्थान विभाग -2023,

भारत सरकार नीति आयोग – RJ/2024/0394422

80G -आयकर विभाग

श्री सी. एम. बीजाका

B.Com, FCA

1984-86 – लेखाधिकारी-  सरकारी उपक्रम-सरस 

1988-90  – निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य (विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन- जयपुर)

1993-95 – अध्यक्षअग्रवाल समाज समिति, मुरलीपुरा, जयपुर

2010-23 – अध्यक्षखण्डेला नागरिक परिषद, जयपुर

डॉ. मोहित बीजाका

N.D. (Doctor of Naturopathy & Yogic Science, 2007)

FRHS (Fellowship in Rural Health Society, 2012)

Ph.D. (Doctor of Philosophy of Alternative Medicine, 2013)

Expert in Yog Vidhya Pranic Healing, SUJOK, Reiki, 2009 

Acharya  in Astrology, Vastu, and Palmistry, 2012 

Bachelor in Science Biology, 2007 

Other Social Attachments and National & International Participations

FAQ

शिविर अवधि एवं समय: 5 दिवस (मंगलवार से शनिवार), सुबह 9:00 से सायं 7:00 बजे

रजिस्ट्रेशन/ पंजीयन : सोमवार सायं 4:00 बजे तक होता है

आश्रम में सेवा का लाभ लेने हेतु प्रवेश पाने के लिए आप वेबसाइट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते है। रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के लिए आप होम पेज पर रजिस्टर नाउ बटन पर क्लिक कर सकते है या कांटेक्ट अस पेज पर फॉर्म भर सकते है। या फिर किसी भी कार्य दिवस में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर अथवा फोन के माध्यम से संपर्क करके रजिस्ट्रेशन करवा सकते है

रजिस्ट्रेशन के लिए आपके आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, आपातकालीन संपर्क सूत्र की जानकारी तथा जिस भी रोग या रोगों से आप पीड़ित हों उनकी अंतिम रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य है।

आश्रम में रोगियों हेतु आयोजित शिविर में सीटों की संख्या सीमित रखी जाती है जिससे कि आपको किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। अतः आप अपनी उपस्थिति के विषय में सही जानकारी प्रदान कर अपने आने के बारे में सुनिश्चित करें। आपकी अनुपस्थिती से सेवा प्राप्त करने वाले अन्य रोगी की सीट, आश्रम का समय, ऊर्जा एवं भोजन प्रसाद सभी का नुकसान होता है। अतः प्रयास करें किसी के भी समय तथा ऊर्जा का दुरुपयोग ना हो।

रजिस्ट्रेशन होने के पश्चात आपके आवास, भोजन, उपचार आदि की व्यवस्था आश्रम में की जाती है। आपको अपने साथ प्रतिदिन काम में आने वाले अंतःअंगवस्त्र, छोटा तौलिया, गमछा, पारंपरिक सभ्य वस्त्रों को लाना आवश्यक है।

आश्रम में बालिकाओं/महिलाओं तथा पुरुषों के उपचार की पृथक – पृथक व्यवस्था है तथा भोजन प्रसाद एवं सेवापैथी विषय संवाद सामूहिक रूप से होते हैं। अतः अपने आचरण, वाणी की विनम्रता, अपने वस्त्रों की शालीनता का विशेष ध्यान रखें जिससे कि आश्रम की मर्यादा भंग ना हो।

आश्रम में धूम्रपान, गुटखा-जर्दा , तम्बाकू सामग्री अपने साथ लाना और उनका उपयोग पूर्ण रूप से वर्जित है।

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